Sunday, May 23, 2010

आलोचना के शिखर पुरुष

डॉ रामविलास शर्मा का स्मरण करते हुए लेखक भरत सिहं ने '' डॉ रामविलास शर्मा स्मरति और विचार पुस्तक लिखी है ४५६ प्रष्टों की इस पुस्तक में लेखक ने बहुत परिश्रम से तथ्यों को को पाठक के सामने रखा है . विचार पूर्ण सम्पादकीय के साथ -साथ नेमीचन्द्र जैन , रामदरश मिश्र , कमलेश्वर ,केदारनाथ सिहं , शिवदान सिहं चौहान , अशोक वाजपेयी ,प्रभाष जोशी , विद्यानिवास मिश्र , राजकिशोर , भगवान् सिंह , अजय तिवारी ,राजेन्द्र यादव ,जैसे लेखकों के विचार दिए गये हैं .डॉ रामविलास शर्मा के अवसान पर हिन्दी के समाचार पत्रों में उन्हें श्रधांजलि देते हुए जो उदगार छापे गये उनका समेकन पुस्तक में किया गया है . पुस्तक ''पुनस्मरन '' खंड में लेखक ने अमृत लाल नागर , केदार नाथ अग्रवाल , रामरतन भटनागर , नत्थन सिहं,नद्किशो नवल , विष्णु कान्त शाष्त्री , विश्वनाथ त्रिपाठी ,नित्यानंद तिवारी , शिवमंगल सिहं 'सुमन ' , रामकृपाल पाण्डेय ,सुरेन्द्र नाथ तिवारी ,जसवीर तियागी आदि के आलेख दिए हैं . पुस्तक के खंड दो में डॉ राम विलास शर्मा पर केन्द्रित परिसंवाद , व्याख्यान ,निवंध , अभिमत ,अप्रतिहत मीमांसा ,अभियान खण्डों में पठनीय सामग्री संकलित है . डॉ रामविलास शर्मा के जीवन , लेखन ,आलोचना पक्षों पर विमर्श के लिए मत्वपूर्ण आलेख पुस्तक  में संजोये गए हैं , जिन   लोगों को भारतीय संदर्भ में मार्क्स वाद को समझना हो उन्हें रामविलास जी को जरूर पढना चाहिए , इस उद्देश्य को पूरा करने में यह पुस्तक पाठक के लए बहुत उपयोगी है . लेखक निश्चित ही बधाई का पात्र है .


पुस्तक --डॉ रामविलास शर्मा स्मरति और विचार , सम्पादक --- भरत सिहं , मूल्य रु -- पांच सौ , प्रकाशक ----गोदारण प्रकाशन , १/२२०ए ,साकेत कालोनी ,अलीगढ़ -२०२००१, उत्तर -प्रदेश .------प्रस्तुती  राकेश शर्मा

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